इंटरनेट सुरक्षा

प्रश्न पूछें

आपका बच्चा ऑनलाइन क्‍या कर रहा है, यह जानने का सबसे अच्‍छा तरीका है कि पूछ लिया जाए. भले ही आप अन्‍य माता-पिता से पूछें, या एक इंटरनेट-आदी मित्र से या अपने बच्चे से पूछें कि वे इंटरनेट का उपयोग कैसे करते हैं, तथापि सही प्रश्न पूछने से आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि आपका बच्चा ऑनलाइन क्‍या कर रहा है, ताकि आप आश्वस्‍त हो सकें कि वे सुरक्षित ऑनलाइन विकल्‍प अपना रहा है.

अपने बच्चे से पूछे जाने वाले प्रश्न:

  • आप किन साइटों पर जाते हैं?
  • आप उन साइटों पर क्‍या करते हैं?
  • आप उस साइट पर क्‍यों जाते हैं?
  • आप उस साइट पर कितना समय बिताते हैं?
  • क्‍या आपको पंजीकरण करना पड़ा था?
  • उन्‍होंने कौन सी जानकारी मांगी थी?
  • आपने कौन सी जानकारी दी थी?

कुछ समय अपने बच्चे के साथ वेब सर्फ़ करने में बिताएँ. यह बहुत अच्छा तरीका है जिससे आप जान सकते हैं कि आपका बच्चा ऑनलाइन किस तरह के इंटरैक्‍शन कर रहा है, और किनसे कर रहा है.

संवाद करें

जब आपको पता चल जाता है कि आपका बच्चा इंटरनेट का उपयोग कैसे करता है, और उन पर क्‍या-क्‍या उपलब्‍ध है, तब उसके बाद आप ऑनलाइन दिशानिर्देश और नियम स्‍थापित कर सकते हैं. भले ही दिशानिर्देश यह स्‍थापित करने के लिए हों, कि किन-किन साइटों पर जाना, या ऑनलाइन क्‍या-क्‍या करना उचित है, तथापि, अपने बच्चे को यह नियम स्‍पष्ट रूप से बताना अत्‍यंत जरूरी है.

अपने बच्चे को संभावित जोखिमों, और विभिन्न स्थितियों के बारे में क्‍या करना है, यह बार-बार बताते रहें. अपने बच्चे को बढ़ावा दें कि वह जिन परिस्थितियों में पड़ जाता है, उनके बारे में प्रश्न पूछे. आपका बच्चा जिन जोखिमों का सामना करता है, उनसे अवगत रहने, और अपने बच्चे के साथ-साथ इन जोखिमों के बारे में बातें करने से, आपको उसकी इंटरनेट उपयोग की निर्णयक्षमता और जिम्‍मेदारी विकसित करने में मदद मिलेगी.

सुरक्षा नियम

जहाँ इंटरनेट मनोरंजन, शिक्षा, कनेक्टिविटी, आदि के लिए आश्चर्यजनक अवसर प्रदान करता है, वहीं ऑनलाइन जाने वाले प्रत्‍येक व्‍यक्ति को मूल ऑनलाइन सुरक्षा के बारे में समझ लेना चाहिए. अपने बच्चे को इन मूल बातों को सिखाना अनिवार्य है.

  1. जब मित्रों या अजनबियों द्वारा ऑनलाइन या ऑफ़लाइन स्थिति में खाता ID और पासवर्ड मांगा जाए, तो इन्‍हें कभी साझा न करें.
  2. अपने स्‍क्रीन नाम में अपनी निजी पहचान संबंधी जानकारी जैसे आपका जन्‍मदिन, रुचियाँ या विद्यालय, कभी प्रकट न करें.
  3. किसी भी जानकारी के आदान-प्रदान में, जैसे ई-मेल या चैट में अपने या किसी अन्‍य व्‍यक्ति के बारे में कोई भी निजी जानकारी न दें.
  4. अपने, अपने परिवार, या अपने घर के फ़ोटो उन व्‍यक्तियों के साथ कभी साझा न करें जिनसे आप ऑनलाइन मिलते हैं.
  5. अज्ञात स्रोतों से आए ई-मेल कभी न खोलें, उन्‍हें हटा दें.
  6. यदि आपको ऑनलाइन गंदी या धमकी भरी टिप्पणी मिलती है, तो उस पर प्रतिक्रिया न दें. लॉग ऑफ़ करें और इस गति‍विधि की रिपोर्ट अपने माता-पिता को करें.
  7. आप वेब में जो भी लिखते हैं, वह कभी भी पूर्णत: गोपनीय नहीं रहता. आप क्‍या लिख रहे हैं और किसे लिख रहे हैं, इसपर सतर्क रहें.
  8. एक ऑनलाइन “मित्र” के साथ व्‍यक्तिगत मिलने की योजना कभी न बनाएँ.
  9. जब शंका हो: तो हमेशा मदद के लिए अपने माता-पिता से कहें. यदि आप असमंजस में हों, तो लॉग ऑफ़ कर दें.

साइबर बुल्लिज़

जिस प्रकार एक बच्चा विद्यालय में अन्‍य छात्रों के आक्रामक व्‍यवहार का सामना करता है, उसी प्रकार वह ऑनलाइन बुल्लिंग के अधीन भी हो सकता है. तथाकथित “साइबर बुल्लिज़” इंटरनेट के माध्‍यम से, या इलेक्‍ट्रॉनिक उपकरण, जैसे सेल फ़ोन से हानिकारक या क्रूर शब्‍द या छवियाँ भेज सकते हैं ताकि अपने लक्ष्‍य को उत्‍पी‍ड़ि‍त, शर्मिंदा, अपमानित या धमका सके. बुल्लिंग के अन्‍य रूपों में पासवर्ड हैकिंग, पहचान की चोरी और ब्‍लैकमेल शामिल है. अनेक बच्चों में भी इस प्रकार की बुल्लिज़ का शिकार या पीड़ि‍त होने की संभावना हो सकती है. जहाँ कुछ लोग गुमनाम होते हैं, वहीं कुछ अन्‍य साइबर बुल्लिज़ ऐसे बच्चे होते हैं जिन्‍हें बच्चे उनके विद्यालय, शिविर, सामुदायिक समूह या पड़ोस से जानते हैं.

साइबर बुल्लिंग की समस्‍याओं से कैसे निपटें, इस बारे में बच्चे के साथ खुलकर बात करना आवश्‍यक है. यदि आपके बच्चे का साइबर बुल्लिंग से किसी रूप में सामना होता है, तो याद रखें कि बुल्लिज़ को अपने लक्ष्‍य की प्रतिक्रियाओं से बढ़ावा मिलता है. बच्चों को बुल्ली को प्रतिक्रिया देना टालते हुए इस स्थिति को आगे नहीं बढ़ाना चाहिए. यदि फिर भी समस्‍या बनी रहती है तो माता-पिता को स्‍थानीय अधिकारियों से संपर्क करना चाहिए. सभी संदेशों को, उनके दिनांक और समय सहित सहेजना सुनिश्चित करें.

संसाधन

दो वर्ष की आयु से ही बच्चे अपने माता-पिता की गोद से ही इंटरनेट के माध्यम से इंटरैक्‍ट करना प्रारंभ कर देते हैं. तथापि, जैसे-जैसे ये बड़े होते जाते हैं, वैसे-वैसे वे आपकी यथासंभव सहायता और मार्गदर्शन के कारण स्वयं ऑनलाइन जोखिम लेना प्रारंभ कर सकते हैं. यह माता-पिता के ऊपर निर्भर करता है कि कौन से नियंत्रण लागू करने हैं और कब ढि‍लाई बरतनी है, ताकि बच्चे अपने निर्णय लेने की क्षमता में बड़े और परिपक्व बन सकें. यहाँ कुछ ऐसे संसाधन दिए हुए हैं जिनका उपयोग आप अपने बच्चे के इंटरनेट उपयोग को संवारने के लिए कर सकते हैं:

  • अनेक साइटों में माता-पिता के लिए मार्गदर्शन दिए गए होते हैं. उनका अवलोकन करें ताकि आप समझ सकें कि आपका बच्चा जिन साइटों पर जाता है वह वहाँ कैसे सुरक्षित रह सकता है.
  • कुछ साइट पैरेंटल नियंत्रण प्रदान करती हैं. आपके बच्चे को कहाँ-कहाँ पहुँचना चाहिए, यह निर्धारित करने के लिए पैरेंटल नियंत्रण का लाभ लें.
  • अधिकांश ब्राउज़र में ऐसी सेटिंग्‍स होती है जो वेब साइटें या समूचा डोमेन अवरोधित कर सकती हैं. यह पहले से चयन करते हुए इन नियंत्रणों का उपयोग करें कि आपका बच्चा किन वेबसाइटों पर जा सकता है, और किन पर नहीं जा सकता.
  • ऐसे शोध सॉफ़्टवेयर उपलब्‍ध हैं जो बच्चे के इंटरनेट उपयोग की निगरानी कर सकते हैं.
  • अपने बच्चे की पसंदीदा वेबसाइटों की गोपनीयता नीतियों की समीक्षा करें, ताकि अवगत हो सकें कि आपके बच्चे के बारे में किस प्रकार की जानकारी एकत्र की जा रही है और उनका कैसे उपयोग किया जा रहा है.
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